shiv chalisa lyrics pdf - An Overview
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अर्थ- हे प्रभू आपने तुरंत तरकासुर को मारने के लिए षडानन (भगवान शिव व पार्वती के पुत्र कार्तिकेय) को भेजा। आपने ही जलंधर (श्रीमददेवी भागवत् पुराण के अनुसार भगवान शिव के तेज से ही जलंधर पैदा हुआ था) नामक असुर का संहार किया। आपके कल्याणकारी यश को पूरा संसार जानता है।
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
अर्थ- पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ।
स्वामी एक है आस तुम्हारी। click here आय हरहु मम संकट भारी॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
अस्तुति चालीसा शिविही, सम्पूर्ण कीन कल्याण ॥
शंकर सुवन केसरी नंदन। तेज प्रताप महा जग वंदन।।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी । करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥